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केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय


      केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, कासरगोड की स्थापना 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 (संसद के अधिनियम सं. 25 /2009) के तहत हुई । विश्वविद्यालय की स्थापना 'प्रज्ञा का अवधान' जैसे एक महान दृष्टि पर की गई है और यह शैक्षणिक और सामाजिक प्रतिबद्धता, नैतिक दृढ़ता और बौद्धिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान के उदात्त आदर्शों द्वारा निर्देशित है, जैसा कि दृष्टि कथन में परिलक्षित होता है। विश्वविद्यालय ने अक्तूबर 2009 में दो परास्नातक कार्यक्रमों में नामांकित 17 छात्रों के साथ अपने शैक्षणिक पोर्टल खोले और कासरगोड शहर के नयन्मारमूला (विद्यानगर) में एक किराए भवन से संचालित होने लगा । इस विनम्र शुरुआत से विश्वविद्यालय आज लगभग 2500 छात्रों के कुल नामांकन के साथ सत्ताईस स्नातकोत्तर और बाईस शोध कार्यक्रमों को प्रदान करनेवाली संस्थान के रूप में विकसित हो चुका है। तेजस्विनी हिल्स के नाम से जाने वाला विश्वविद्यालय परिसर केरल सरकार द्वारा वर्ष 2012 में कासरगोड के पेरिया में आवंटित 310 एकड़ भूमि पर स्थित है। स्थायी परिसर में 6,58,400 वर्ग फुट का निर्मित क्षेत्र है।

      पेरिया में स्थित मुख्यालय के अलावा, विश्वविद्यालय को पत्तनमतिट्टा के तिरुवल्ला में स्थित एक विधि विभाग है और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय पर स्नातक कार्यक्रम प्रदान किए जानेवाला तिरुवनंतपुरम केंद्र भी है।

      विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति प्रो. जान्सी जेम्स (2009 - 2014) थीं । उन के बाद प्रो. जी. गोपाकुमार (2014 - 2020) कुलपति रहे । प्रो. एच. वेंकटेश्वरलू कुलपति (अगस्त 2020-अक्टूबर 2023) थे। प्रो. बैजू के.सी वर्तमान कुलपति (प्रभारी) हैं Prof. Dr.Siddu P Algur is the present Vice Chancellor.